आज़ादी के 75 साल पूरे हो चुके हैं। यह आजादी हमे सभी भारतीयों के योगदान एवं बलिदान से प्राप्त हुई है। वक्त है, हमें उन सभी समुदायों के योगदान को याद करने का। विशेष कर उन समुदायों के जो आज वंचितों के श्रेणी में आते हैं। इन्हें याद करने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 नवंबर को बहादुर आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने हेतु ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मंज़ूरी दी है। केंद्रीय विद्यालयों में शहीद बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 15 नवंबर से 25 नवंबर तक ‘जनजातीय गौरव पखवाड़ा’ मनाया जा रहा हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से पी ए श्री केन्द्रीय विद्यालय सासाराम आप सभी से अपील करता है कि यदि आपके पासे इन जनजातियों से संबंधित कोई भी जानकारी है तो इस ब्लॉग के कमेन्ट सेक्शन के माध्यम से अवश्य दें।
आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी
बिरसा मुंडा
जन्म: 15 नवंबर, 1875 जनजाति समुदाय: मुंडा
योगदान: 19वीं शताब्दी के अंत में आधुनिक झारखंड और बिहार के आदिवासी क्षेत्रों में ब्रिटिश शासन के दौरान एक भारतीय आदिवासी धार्मिक सहस्त्राब्दि आंदोलन का नेतृत्व किया।
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